DETAILS, FICTION AND BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

Details, Fiction and baglamukhi shabar mantra

Details, Fiction and baglamukhi shabar mantra

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जीवहारं केलया, बुद्धिं विनाशाय हरिं अम स्वाहा”

A different baglamukhi mantra benefit of this mantra contains legal professionals fixing a risky case, politicians finding undesired interest, and so on., and they are able to get the desired effects if they chant this mantra.

Baglamukhi Shabar Mantra is particularly exploited to penalize enemies and also to dethrone the hurdles in life. At times staying blameless and with no concerns, the enemy regularly harasses you for no motive. 

साबधान गुरू कृपा अत: दिक्षा के विना ये प्रयोग कतापी ना करें शत्रू दुबारा प्रत्यगरा , विपरीत प्रत्यंगरा आदि प्रयोग होने पर साघक को भयंकर छती का सामना करना पड़ सकता।

The Tantrasara describes her iconography: Bagalamukhi sits inside a golden throne within the midst of the ocean within an altar. Her complexion is yellow (golden). Clad in yellow dresses, she's adorned by a garland of yellow flowers and decked with yellow (golden) ornaments.

Goddess Baglamukhi is popular for her role being a protector and defender of her devotees. She is noted for her intense character, symbolised with the weapon she carries, a cudgel or club.

महाविद्या, पार्वती के दस आदि पराशक्तियों का रूप हैं। बगलामुखी, जिसे "दुश्मनों को शक्तिहीन बनाने वाली देवी" के रूप में जाना जाता है, हिंदू धर्म की दस महाविद्या की आठवीं देवी हैं। इसमें दुश्मनों को निस्तब्ध कराने और स्थिर कराने की क्षमता है। चूंकि वह सुनहरे/पीले रंग से संबंधित है, इसलिए उन्हें "पीतांबरी" के नाम से भी जाना जाता है। स्तम्बिनी देवी, जिन्हें ब्रह्मास्त्र रूपिनी के नाम से भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली देवी हैं, जो अपने उपासकों को सहने वाली कठिनाइयों को नष्ट करने के लिए एक गदा या हथौड़े का इस्तेमाल करती हैं।

ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा, सिंहासन पीला, सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे? सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे। बगलामुखी के कौन संगी, कौन साथी? कच्ची बच्ची काक कुतिआ स्वान चिड़िया। ॐ बगला बाला हाथ मुदगर मार, शत्रु-हृदय पर स्वार, तिसकी जिह्ना खिच्चै। बगलामुखी मरणी-करणी, उच्चाटन धरणी , अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी। ॐ बगलामुखीरमे ब्रह्माणी भण्डे, चन्द्रसूर फिरे खण्डे-खण्डे, बाला बगलामुखी नमो नमस्कार।

oṃ hrīṃ bagalāmukhi! jagadvaśaṃkarī! māṃ bagale prasīda-prasīda mama sarva manorathāna pūraya-pūraya hrīṃ oṃ svāhā।

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र read more का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

“अयं हरिं बगलामुखी सर्व दुष्टानं वचं मुख पदं स्तम्भया

These mantras had been meant to empower standard people and supply them having a immediate route to spirituality, bypassing the complexities of common rituals.

ॐ मलयाचल बगला भगवती महाक्रूरी महाकराली राजमुख बन्धनं ग्राममुख बन्धनं ग्रामपुरुष बन्धनं कालमुख बन्धनं चौरमुख बन्धनं व्याघ्रमुख बन्धनं सर्वदुष्ट ग्रह बन्धनं सर्वजन बन्धनं वशीकुरु हुं फट् स्वाहा।

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए । Kishori kuch aisa intezaam ho jaye

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